
नई दिल्ली6 मिनट पहले
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वक्फ बिल की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 70 से ज्यादा याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई हैं।
वक्फ संशोधन कानून की केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। इसमें वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की वैधता के खिलाफ याचिकाओं को खारिज करने की मांग की है।
केंद्र ने कहा, ‘अदालतें वैधानिक प्रावधानों पर रोक नहीं लगाएंगी। मामले पर अंतिम रूप से फैसला करेंगी।’ वक्फ बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 70 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल की गई हैं।
केंद्र के कहा- संवैधानिकता का अनुमान संसद के बनाए गए कानूनों पर लागू होता है। याचिकाएं इस झूठे आधार पर आगे बढ़ रही हैं कि संशोधन धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों को छीन लेते हैं।
याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट विधायी क्षमता अनुच्छेद 32 के तहत मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के आधार पर कानून की समीक्षा कर सकता है। संसदीय पैनल के व्यापक, गहन, विश्लेषणात्मक अध्ययन के बाद संशोधन किया गया है।
केंद्र ने कहा है कि निजी, सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण करने के लिए प्रावधानों का दुरुपयोग किया गया है। मुगल काल से ठीक पहले, आजादी से पहले, आजादी के बाद, कुल मिलाकर वक्फ 18,29,163.896 एकड़ जमीन पर बने थे।
केंद्र ने कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि 2013 के बाद वक्फ भूमि में 20,92,072.536 एकड़ की बढ़ोतरी हुई है। विधायी व्यवस्था को बदलना, विधायिका के अधिनियमित करना गलत है।

AIMPLB ने 87 दिन प्रदर्शन का ऐलान किया
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के ‘वक्फ बचाव अभियान’ का पहला फेज 11 अप्रैल से शुरू होकर 7 जुलाई यानी 87 दिन तक चलेगा। इसमें वक्फ कानून के विरोध में 1 करोड़ हस्ताक्षर कराए जाएंगे, जो PM मोदी को भेजे जाएंगे। इसके बाद अगले फेज की रणनीति तय की जाएगी।

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भारत में रेलवे और रक्षा मंत्रालय के बाद सबसे ज्यादा जमीन वक्फ बोर्ड के पास है। करीब 9.4 लाख एकड़। इतनी जमीन में दिल्ली जैसे 3 शहर बस जाएं। इसी वक्फ बोर्ड से जुड़े एक्ट में बदलाव के लिए केंद्र सरकार आज संसद में बिल पेश करेगी। विपक्ष के नेता और मुसलमानों का एक बड़ा तबका इसके विरोध में हैं। पूरी खबर पढ़ें…