
सांसी समुदाय के लोगों ने चोरी के पैसों से आलीशान बंगले बनाए हैं और कारें खरीदी हैं।
आज आपको मध्यप्रदेश के ऐसे गांवों के बारे में बताते हैं, जहां आलीशान बंगले और चमचमाती कारें हैं। गांव के युवकों के पास महंगी बाइक और मोबाइल हैं। बच्चे गले में सोने की चेन पहनते हैं। आपको ये भी जानकर हैरानी होगी कि गांव में एक हजार से ज्यादा वारंटी हैं
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राजगढ़ जिले के कड़ियां सांसी, गुलखेड़ी और हुलखेड़ी ऐसे गांव हैं, जहां सांसी समुदाय के लोग रहते हैं। ये समुदाय देशभर में शादी समारोह में जाकर चोरियां करता है। इन्हीं चोरी के पैसों से गांव वालों ने आलीशान बंगले बनाए हैं और कारें खरीदी हैं। गांव में रहने वाले वारंटियों को पकड़ना इतना आसान नहीं है, इसलिए पुलिस ने इस बार नया तरीका अपनाया है।
राजगढ़ जिले के 17 थानों की पुलिस गांव में डेरा डाले हुए हैं। यहां सांसी समुदाय के शादी समारोह में शामिल होकर वारंटियों की पहचान कर उन्हें पकड़ रही है। पुलिस अबतक 23 वारंटियों को गिरफ्तार कर चुकी है और 22 ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है।
इस कार्रवाई के बीच भास्कर की टीम ने गांव का दौरा किया, तो पता चला कि यहां बच्चों को चोरी की ट्रेनिंग देने के साथ पुलिस से बचने के गुर भी सिखाए जाते हैं। यहां देश के किसी न किसी राज्य की पुलिस अक्सर डेरा डाले रहती है।

हवेलीनुमा मकान और हर एक के सामने कीमती गाड़ी राजगढ़ के पचोर से महज 7 किमी दूर नरसिंहगढ़ रोड पर कड़ियां सांसी गांव है। यहां दाखिल होने के बाद ऐसा लगता है कि शहर की किसी पॉश कॉलोनी में घूम रहे हैं। गांव के सभी मकान पक्के होने के साथ आलीशान हैं। इनमें से कुछ मकानों को तो दिल्ली और मुंबई के आर्किटेक्ट्स ने डिजाइन किया है। गांव के लड़के चमचमाती बाइक लेकर घूमते नजर आते हैं।
आगे बढ़ने पर कुछ लोग पान की गुमटी के पास ताश खेल रहे थे। जब हमने गांव की तस्वीरें लेना शुरू कीं तो लोग इकट्ठे हो गए। दरअसल, उग्र और क्रिमिनल माइंडसेट वाले इस गांव में पहुंचना इतना आसान नहीं है। यहां अघोषित रूप से किसी बाहरी व्यक्ति के आने पर प्रतिबंध है। पुलिस भी यहां जाने से पहले दस बार सोचती है।

कड़ियां सांसी गांव में इस तरह के आलीशान मकान बने हैं।
बंगलों में स्विमिंग पूल से लेकर सभी सुविधाएं हमने गांव के लोगों को अपना परिचय दिया तो वे कैमरे के सामने बात करने के लिए राजी नहीं हुए। कुछ युवकों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा- गांव में इस समय पुलिस का डेरा है, इसलिए कोई बात नहीं करेगा।
हमने पूछा कि ये जो बड़े-बड़े मकान हैं, इनमें किस तरह की सुविधाएं हैं? तो युवकों ने बताया कि सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं हैं। कुछ घरों में तो स्विमिंग पूल भी है। हर घर में वॉशिंग मशीन, टीवी, फ्रिज, एसी और कई तरह की आधुनिक उपकरण भी हैं।

गांव के लोगों से बातचीत की तो पता लगा कि हर घर में सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं हैं।
देशभर में करते हैं चोरियां गांव में आलीशान बंगले और सुख-सुविधाएं चोरी से कमाए पैसों से हैं। दरअसल, कड़ियां सांसी, गुलखेड़ी और हुलखेड़ी गांवों में रहने वाले सांसी समुदाय के युवा देशभर में करोड़ों रुपए की चोरियां करते हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले एक साल में राजगढ़ पुलिस की मदद से देशभर की पुलिस गांव से 98 लाख से ज्यादा नकद और 32 करोड़ के सोने-डायमंड के जेवरात बरामद कर चुकी है।
चोरी की इन दो वारदातों से समझिए…
केस1: 14 साल के किशोर ने जयपुर में की 1.45 करोड़ की चोरी ये मामला पिछले साल 8 अगस्त का है। तेलंगाना के एक कारोबारी के बेटे की राजस्थान के जयपुर में शादी थी। इस शादी से 1.45 करोड़ रुपए का कीमती सामान चोरी हो गया। राजस्थान पुलिस ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि ये किशोर सांसी समुदाय से ताल्लुक रखता है और कड़ियां सांसी के बगल के गुलखेड़ी गांव का रहने वाला है।
एमपी पुलिस की मदद से राजस्थान पुलिस ने 24 घंटे के भीतर किशोर को गिरफ्तार किया।
केस2: दिल्ली में शादी समारोह से चुराया तीस तोला सोना ये मामला इसी साल फरवरी का है। दिल्ली में एक शादी समारोह में चोरी की वारदात हुई थी। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपी अज्जू, कुलजीत और कालू को पकड़ा था। तीनों की उम्र 22 से 25 साल की है। इसके पास से सवा दो लाख रुपए बरामद किए।
तीनों गुलखेड़ी के रहने वाले थे। दिल्ली पुलिस चोरी गए सामान की बरामदगी के लिए मार्च के महीने में राजगढ़ पहुंची थी। यहां से आरोपियों के साथी और पेशे से टीचर नटवर भानेरिया से 30 तोला सोना बरामद किया था।

पुलिस ने दिल्ली में चोरी हुए करीब 30 तोले सोने के जेवरात बरामद किए हैं।
अब जानिए, कैसे देते हैं वारदातों को अंजाम
1. बच्चों को खरीदकर देते हैं ट्रेनिंग लोगों ने बताया कि पूरे गांव के लोग चोरी नहीं करते, मगर ज्यादातर का यही पेशा है। गांव के धनी लोग गरीब ग्रामीणों के बच्चों को एक से दो साल के लिए खरीदते हैं। इसके लिए बाकायदा बोली लगती है।
बच्चों को खरीदने की रकम एक से बीस लाख रुपए के बीच होती है। इन्हें शादियों में चोरी करने की ट्रेनिंग दी जाती है। जब बच्चा खरीदी की रकम से पांच-छह गुना कमाई करके दे देता है तो उसे आजाद कर दिया जाता है।
2. गरीब घर के बच्चों को सिखाते हैं अमीरों का बर्ताव गांव के लोगों ने बताया कि बच्चे तो गरीब घर के होते हैं, लेकिन जहां चोरी करने जाते हैं वो हाई प्रोफाइल फैमिली होती है। ऐसे में बच्चों को हाई प्रोफाइल फैमिली के बच्चों की तरह मैनर्स सिखाए जाते हैं। इन्हें ठीक कपड़े पहनने से लेकर, ठीक खाना और बोलचाल का ढंग सिखाया जाता है।
3. शादियों में बैग चोरी करने और बचने के तरीके बताए जाते हैं इन्हें बताया जाता है कि कैसे शादी के बीच में दुल्हन या लड़की वालों के जेवर-पैसे वाले बैग चोरी करना है। बैग लेकर कैसे निकलना है? पकड़े जाने पर क्या झूठ बोलना है?
जब ये पकड़े जाते हैं तो बोलते हैं कि मम्मी का बैग समझकर उठा लाया था। ज्यादातर लोग बच्चा समझकर छोड़ देते हैं। पकड़े जाने पर कोर्ट बच्चों को ज्यादा सजा नहीं देता और सुधार गृह से छूटकर फिर इसी काम में जुट जाते हैं।

हर साल आती है देशभर के 500 थानों की पुलिस गांव के हर तीसरे घर के किसी न किसी सदस्य पर आपराधिक मामला दर्ज है। नरसिंहगढ़ के एसडीओपी उपेंद्र भाटी कहते हैं कि कड़ियां सांसी, गुलखेड़ी और हुलखेड़ी ये तीनों ऐसे गांव हैं, जहां सालभर देश के अलग-अलग राज्य, महाराष्ट्र, बंगाल, असम, अंडमान निकोबार, दमनदीव, गुजरात, पंजाब और दक्षिण के राज्यों की पुलिस आती है।
दरअसल, तीनों गांव के लोग देश के हर कोने में जाकर शादी समारोह में चोरी की वारदातों को अंजाम देते हैं। भाटी बताते हैं कि हर साल पुलिस यहां से करोड़ों रुपए के सोने-चांदी के जेवरात और नकदी रिकवर करती है। भाटी के मुताबिक, तीन गांव में 1 हजार से ज्यादा वारंटी हैं, जिनमें पुरुष, महिलाएं, युवा सभी शामिल हैं।

3 पॉइंट्स में जानिए, वारंटियों को पकड़ने पुलिस ने क्या किया
1. पुलिस बाराती बनकर शादी में शामिल हुई देशभर के राज्यों की पुलिस के लिए चुनौती बने वारंटियों को पकड़ने के लिए इस बार राजगढ़ पुलिस ने एक नया तरीका अपनाया। 15 अप्रैल को कड़ियां सांसी गांव के मोकम सिंह की बेटी की शादी थी।
पुलिसवाले इस शादी में बाराती बनकर शामिल हुए। नाचते-गाते बारात जब मोकम सिंह के घर पहुंची तो पुलिस ने चार वारंटी कबीर, ऋषि, मोहनीश, रोहन सांसी को गिरफ्तार किया। इन पर देशभर के अलग- अलग राज्यों के थानों में 65 से ज्यादा मामले दर्ज थे।

पुलिसवाले गांव में हुई शादी में शामिल हुए और 4 वारंटियों को पकड़ लिया।
2. पुलिस टीमों ने गांव में डाला डेरा गांव के मैदान पर कुछ दिन पहले राजगढ़ जिले के 17 थानों की पुलिस ने डेरा जमाया। एसपी की अगुवाई में 180 पुलिस वाले गांव में आ जा रहे हैं। पुलिस ने टेंट, चलित शौचालय और पानी के टैंकर की व्यवस्था भी की है। साथ ही पुलिस ने गांव में वारंटियों के स्वागत का बैनर भी लगाया है। इनमें वारंटियों के फोटो और उनके नाम लिखे हैं।
एसडीओपी उपेंद्र भाटी का कहना है कि जब तक सांसी समुदाय के घरों में शादी समारोह का आयोजन होगा, तब तक पुलिस यहां डटी रहेगी।

पुलिस ने गांव में वारंटियों के स्वागत में बैनर भी लगाया है।
3. जागरूकता कैंप भी लगाया वारंटियों की धरपकड़ के साथ पुलिस यहां के लोगों को जागरूक करने का काम भी कर रही है। इसी धरपकड़ के दौरान पुलिस ने यहां जागरूकता कैंप लगाया। जिसमें युवा पीढ़ी के लोगों को चोरी न करने की शपथ दिलाई गई।
एसपी आदित्य मिश्रा ने बच्चों से कहा कि वे अपने माता-पिता और रिश्तेदारों से कहेंगे कि वो चोरी नहीं करेंगे। साथ ही समुदाय के लोगों से कहा कि जो लोग गलत कामों से जुड़े हैं वो सही राह चुनें।

लोग बोले- चंद लोगों की वजह से बदनामी झेल रहे पुलिस ने जब यहां वारंटियों को गिरफ्तार किया तो गांव के लोग नाराज नजर आए। पुलिस ने जिस कालू सांसी को गिरफ्तार किया, उसकी पत्नी और मां ने बताया कि बेटा 4 महीने से बनारस की जेल में बंद था और 15 दिन पहले ही दूसरे मामले में छूटकर घर लौटा था। गिरफ्तारी के डर से जंगल में फरारी काट रहा था।
सुबह पुलिस आई और उसको पकड़ कर ले गई। ये भी नहीं बताया कि उसे किस केस में अंदर किया गया है। हम थाने-थाने भटक रहे हैं। गांव के सरपंच मोर सिंह सिसोदिया कहते हैं कि कड़िया गांव में सभी लोग चोरी की वारदातों में शामिल नहीं है। समाज के लोगों में वनकर्मी, डॉक्टर, टीचर और प्रोफेसर भी हैं।
ये प्रशासन के साथ मिलकर गांव के लोगों को मुख्यधारा में लाने का काम कर रहे हैं। इसके लिए गांव में समय-समय पर बैठकें होती हैं। कई सालों से समिति कोशिश कर रही है। कई लोगों ने चोरियां छोड़ दी हैं, मगर अभी भी कई लोग वारदातों में शामिल हैं, जिन्हें समझाने की कोशिश की जाती है।

(इनपुट – माखन विजयवर्गीय, सारंगपुर )
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12 लाख तक पैकेज देकर बच्चों से करा रहे चोरी

राजगढ़ जिले में बच्चों से चोरी कराने वाले बड़े गिरोह का खुलासा हुआ है। खास बात ये है कि ये गिरोह 12 लाख रुपए तक के सालाना पैकेज देकर बच्चों को ले जाते हैं। उन्हें चोरी की ट्रेनिंग देते हैं और फिर देशभर में बड़े शहरों में होने वाली शादियों में चोरी करवाते हैं। दो दिन से जिले के बोड़ा थाना क्षेत्र के गुलखेड़ी गांव में ग्वालियर, नई दिल्ली, महाराष्ट्र के पालघर और जलगांव की पुलिस ने डेरा डाल रखा है। पढ़ें पूरी खबर…