
सजा के ऐलान के बाद कोर्ट से बाहर निकलते समय आतंकी हंसते नजर आए।
जयपुर में 17 साल पहले हुए सीरियल बम धमाकों के दौरान जिंदा बम मिलने के मामले में दोषी चार आतंकियों को मंगलवार को स्पेशल कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। 4 अप्रैल को कोर्ट ने चारों आतंकियों सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद को मा
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कोर्ट ने 600 पेज का फैसला दिया है। 13 मई को 2008 को जयपुर में 8 सीरियल ब्लास्ट हुए थे, नौंवा बम चांदपोल बाजार के गेस्ट हाउस के पास मिला था। बम फटने के 15 मिनट पहले इसे डिफ्यूज कर दिया गया था। धमाकों में 71 लोगों की मौत हुई थी और 185 घायल हुए थे।
इन्हें हुई सजा…

इन चार आतंकियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
आतंकियों के वकील ने शायरी की तो जज ने भी शायरी में जवाब दिया…
बहस के दौरान आतंकी शहबाज के वकील मुजाहिद अहमद ने शायरी से अपनी बात शुरू करते हुए कहा-

तुम्हारा शहर, तुम ही कातिल तुम ही मुद्दई, तुम ही मुंशिफ हमें यकीन है, गलती हमारी ही निकलेगी
जज रमेश कुमार जोशी ने सज़ा सुनाते हुए शायरी में कहा-

कुदरत के फैसले पर कभी शक मत करना अगर सजा मिल रही है तो गुनाह भी हुआ होगा सबसे बड़ा न्यायालय हमारा मन होता है क्या सही है और क्या गलत उसे सब पता होता है राह गलत नहीं होती है गलत तो चुनाव होता है
मंगलवार को सजा पर बहस के दौरान सरकारी वकील स्पेशल पीपी सागर तिवाड़ी ने दोषियों को शेष जीवनकाल तक जेल में रखने की सजा देने की मांग की। उन्होंने कहा- दोषियों का कृत्य गंभीरतम अपराध है। इनके साथ किसी भी सूरत में नरमी नहीं बरती जा सकती है।
वहीं, आरोपियों के वकील मिन्हाजुल हक ने कहा- दोषी 15 साल से जेल की सजा भुगत रहे हैं। अन्य आठ मामलों में हाईकोर्ट इन्हें बरी कर चुका है। ऐसे में भुगती हुई सजा के आधार पर कम से कम सजा दी जाए।
तीन फोटाेज में देखिए-सजा के बाद भी आतंकियों के चेहरे पर थी हंसी…

कोर्ट में सजा के ऐलान के बाद आतंकी को जब पुलिस जेल ले जा रही थी, तो वह मुस्कुरा रहा था।

पुलिस की गाड़ी में बैठा एक आतंकी बाहर किसी को अंगुली दिखाते हुए।

खौफ फैलाने वाले चेहरों पर कोई गम नहीं था। आतंकी हंसते हुए कोर्ट से बाहर निकले।
शुक्रवार को दोषी करार दिया था
चारों आतंकियों को अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) की दो, विस्फोटक पदार्थ कानून की 3 धाराओं में दोषी ठहराया गया है। इन धाराओं में अधिकतम उम्रकैद होती है। 4 अप्रैल को चारों आतंकियों को स्पेशल कोर्ट ने दोषी करार दिया था। दोषियों में शाहबाज को छोड़कर अन्य को सीरियल ब्लास्ट के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इन्हें बरी कर दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।


112 गवाहों के बयान हुए थे एटीएस ने जिंदा बम मामले में इन सभी आरोपियों को 25 दिसंबर 2019 को जेल से गिरफ्तार कर लिया था। एटीएस ने जिंदा बम मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश की थी। इसमें एटीएस ने तीन नए गवाह शामिल किए थे। सुनवाई के दौरान एटीएस ने पत्रकार प्रशांत टंडन, पूर्व एडीजी अरविंद कुमार और साइकिल कसने वाले दिनेश महावर सहित कुल 112 गवाहों के बयान दर्ज करवाए थे।
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जयपुर में 13 मई 2008 को हुए सिलसिलेवार बम ब्लास्ट मामले से जुड़े जिंदा बम केस में कोर्ट ने 4 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान और शहबाज को 8 अप्रैल को सजा सुनाई जाएगी। ये चारों वही हैं, जो सीरियल बम ब्लास्ट के मुख्य केस में कमजोर इन्वेस्टिगेशन के चलते बरी हुए थे। (पूरी खबर पढ़ें)