Caste Census; PM Narendra Modi Cabinet Decision | Shillong Silchar Corridor | देश में आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना होगी: बिहार चुनाव से पहले केंद्र का फैसला; राहुल बोले- फैसले का समर्थन, डेडलाइन तय हो
Hindi News National Caste Census; PM Narendra Modi Cabinet Decision | Shillong Silchar Corridor नई दिल्ली6 घंटे पहले कॉपी लिंक देश में आजादी के बाद पहली बार जाति जनगणना कराई जाएगी। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को जाति जनगणना को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसे मूल जनगणना के साथ ही कराया…
- Hindi News
- National
- Caste Census; PM Narendra Modi Cabinet Decision | Shillong Silchar Corridor
नई दिल्ली6 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

देश में आजादी के बाद पहली बार जाति जनगणना कराई जाएगी। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को जाति जनगणना को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसे मूल जनगणना के साथ ही कराया जाएगा। देश में इसी साल के आखिर में बिहार विधानसभा के चुनाव होने हैं।
कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल जाति जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि जाति जनगणना की शुरुआत सितंबर में की जा सकती है।
हालांकि जनगणना की प्रोसेस पूरी होने में एक साल लगेगा। ऐसे में जनगणना के अंतिम आंकड़े 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में मिल सकेंगे। देश में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। इसे हर 10 साल में किया जाता है।
इस हिसाब से 2021 में अगली जनगणना होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।
जाति जनगणना के ऐलान के बाद राहुल गांधी ने कहा- आखिरकार सरकार ने जाति जनगणना की बात कह दी है। हम इसे सपोर्ट करते हैं, लेकिन सरकार को इसकी समय सीमा बतानी होगी।
हमने तेलंगाना में कास्ट सेंसस कराया, इसे मॉडल बनाया जा सकता है। हमें कास्ट सेंसस से आगे जाना है। किस जाति की ऊंचे पदों में कितनी हिस्सेदारी है, ये पता करनी है।
जनगणना फॉर्म में 29 कॉलम, केवल SC-ST की डिटेल
2011 तक जनगणना फॉर्म में कुल 29 कॉलम होते थे। इनमें नाम, पता, व्यवसाय, शिक्षा, रोजगार और माइग्रेशन जैसे सवालों के साथ केवल SC और ST कैटेगरी से ताल्लुक रखने को रिकॉर्ड किया जाता था। अब जाति जनगणना के लिए इसमें एक्स्ट्रा कॉलम जोड़े जा सकते हैं।


जातियों की गिनती के लिए एक्ट में संशोधन करना होगा
जनगणना एक्ट 1948 में एससी- एसटी की गणना का प्रावधान है। ओबीसी की गणना के लिए इसमें संशोधन करना होगा। इससे ओबीसी की 2,650 जातियों के आंकड़े सामने आएंगे। 2011 की जनगणना के अनुसार, 1,270 एससी, 748 एसटी जातियां हैं। 2011 में एससी आबादी 16.6% और एसटी 8.6% थी।
2011 में सामाजिक-आर्थिक गणना हुई, आंकड़े जारी नहीं
मनमोहन सिंह सरकार के दौरान 2011 में सामाजिक-आर्थिक और जातिगत जनगणना करवाई गई थी। इसे ग्रामीण विकास मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने करवाया था। हालांकि इस सर्वेक्षण के आंकड़े कभी भी सार्वजनिक नहीं किए गए। ग्रामीण विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर इसके एससी-एसटी हाउसहोल्ड के आंकड़े ही जारी किए गए हैं।

शाह ने कहा था- जनगणना 2025 में हो सकती है
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगस्त 2024 में कहा था कि जनगणना “उचित समय” पर होगी, और यह 2025 में शुरू हो सकती है, जिसमें डेटा 2026 तक प्रकाशित हो सकता है।
राहुल जाति जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 2023 में सबसे पहले जाति जनगणना की मांग की थी। इसके बाद वे देश-विदेश की कई सभाओं और फोरम पर केंद्र से जाति जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं। नीचे ग्राफिक में देखें राहुल ने कब और कहां जाति जनगणना की मांग दोहराई…

वैष्णव बोले- कांग्रेस ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा, ‘1947 से जाति जनगणना नहीं की गई। कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया। 2010 में दिवंगत डॉ. मनमोहन सिंह सिंह ने कहा था कि जाति जनगणना के मामले पर कैबिनेट में विचार किया जाना चाहिए। इस विषय पर विचार करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया गया था। अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की सिफारिश की। इसके बावजूद कांग्रेस सरकार ने जाति का सर्वेक्षण या जाति जनगणना कराने का फैसला नहीं किया।
फैसले पर किसने क्या कहा:
- मल्लिकार्जुन खड़गे- आज मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना कराने की घोषणा की है। ये सही कदम है जिसकी हम पहले दिन से माँग कर रहे थे। मैंने कई बार इसे संसद में उठाया और प्रधानमंत्री जी को पत्र भी लिखा। INDIA गठबंधन के नेताओं ने भी कई बार जातिगत जनगणना की माँग की है और लोकसभा चुनाव में ये अहम मुद्दा बना। बार-बार प्रधानमंत्री मोदी जी सामाजिक न्याय की इस नीति को लागू करने से बचते रहे और विपक्ष पर समाज को बांटने का झूठा आरोप लगाते रहे। जातिगत जनगणना के अभाव में, सार्थक सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण कार्यक्रमों का क्रियान्वयन अधूरा है, इसीलिए ये सभी वर्गों के लिए ज़रूरी है।
- चिराग पासवान- देशहित में अहम फैसला लिया गया है। यह फैसला समावेशी विकास के लिए लिया गया है।
- केशव मौर्य- कांग्रेस के मुंह पर करारा तमाचा है। कांग्रेस केवल कहती है मोदी सरकार करती है। कांग्रेस पार्टी केवल ढोंग कर रही थी।
- तेजस्वी यादव- यह फैसला हमारी जीत है। हमारी बात सरकार को माननी पड़ी।
- कांग्रेस नेता उदित राज- यह कांग्रेस की जीत है। आखिरकार मोदी सरकार को जाति जनगणना करानी पड़ रही है।
- केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय: जाति जनगणना का फैसला दर्शाता है कि सरकार देश और समाज के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

जातिगत जनगणना पर पार्टियों का स्टैंड
- विपक्षी पार्टियां: कांग्रेस समेत BJD, SP, RJD, BSP, NCP शरद पवार देश में जातिगत जनगणना की मांग कर रही हैं। TMC का रुख अभी साफ नहीं है। राहुल गांधी हाल ही में अमेरिका दौरे पर गए थे, वहां उन्होंने जातिगत जनगणना को सही बताया था।
- NDA: पहले भाजपा जाति जनगणना के पक्ष में नहीं थी। NDA ने कांग्रेस समेत दूसरी विपक्षी पार्टियों पर आरोप लगाए थे कि ये जातिगत जनगणना के जरिए देश को बांटने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि बिहार में भाजपा ने ही जातिगत जनगणना का सपोर्ट किया था। बिहार ने अक्टूबर 2023 में जातिगत जनगणना (सर्वे) के आंकड़े जारी किए थे। ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बना था।
जातिगत जनगणना की मांग कब-कब रही
- 80 के दशक में जातियों पर आधारित कई क्षेत्रीय पार्टियां उभरीं। इन पार्टियों ने सरकारी शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में आरक्षण दिए जाने को लेकर अभियान चलाया। इसी दौरान जातियों की संख्या के आधार पर आरक्षण की मांग सबसे पहले UP में बसपा नेता कांशीराम ने की।
- भारत सरकार ने साल 1979 में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ी जातियों को आरक्षण देने के मसले पर मंडल कमीशन का गठन किया। मंडल कमीशन ने OBC के लोगों को आरक्षण देने की सिफारिश की। इस सिफारिश को 1990 में उस वक्त के प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने लागू किया। इसके बाद देशभर में सामान्य श्रेणी के छात्रों ने उग्र विरोध प्रदर्शन किए।
- साल 2010 में लालू प्रसाद यादव और मुलायम सिंह यादव जैसे OBC नेताओं ने मनमोहन सरकार पर जातिगत जनगणना कराने का दबाव बनाया। इसके साथ ही पिछड़ी जाति के कांग्रेस नेता भी ऐसा चाहते थे।
- मनमोहन सरकार ने 2011 में सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना यानी SECC कराने का फैसला किया।
- इसके लिए 4 हजार 389 करोड़ रुपए का बजट पास हुआ। 2013 में ये जनगणना पूरी हुई, लेकिन इसमें जातियों का डेटा आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।

======================
जाति जनगणना से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें लालू ने कहा-संघियों को अपने एजेंडे पर नचाता रहूंगा, जदयू बोली- नीतीश को मिले क्रेडिट

केंद्र के जाति जनगणना कराने के फैसले पर बिहार में राजनीति शुरू हो गई है। सीएम नीतीश ने पीएम मोदी को थैंक्यू कहा है तो लालू यादव सरकार पर तंज कसा है। राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कहा, ‘जातिगत जनगणना की मूल पहल जनता दल की सरकार ने 1996-97 में की थी, जब वह राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और देश में संयुक्त मोर्चा की सरकार सत्ता में थी।’ पूरी खबर पढ़ें