A spy caught in a war situation | जासूस पठान खान ने पाकिस्तान में ली थी ट्रेनिंग: ISI अधिकारियों को देकर आया भारतीय सिम, जैसलमेर में सेना के मूवमेंट की जानकारियां भी भेजी – Jaisalmer News
जैसलमेर में करीब एक महीने पहले पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जासूस पठान खान (40) ने इंटेलिजेंस एजेंसियों को पूछताछ में बताया कि उसने पाकिस्तान में जासूसी की ट्रेनिंग ली थी। इसके बदले उसको मोटी रकम दी गई थी। . यही नहीं, उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के…
जैसलमेर में करीब एक महीने पहले पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जासूस पठान खान (40) ने इंटेलिजेंस एजेंसियों को पूछताछ में बताया कि उसने पाकिस्तान में जासूसी की ट्रेनिंग ली थी। इसके बदले उसको मोटी रकम दी गई थी।
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यही नहीं, उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के अधिकारियों को भारतीय सिम भी उपलब्ध करवाई। उसने भारत में रहकर ISI को सेना से जुड़ी कई सामरिक जानकारियां साझा की थीं। इंटेलिजेंस के रडार में आने पर वह पकड़ा गया।
केंद्रीय एजेंसियों ने पूछताछ के बाद गुरुवार को पठान पर ISI को भारतीय सेना की खुफिया जानकारियां देने के मामले में ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।
2013 में पहली बार पाकिस्तान गया था पठान खान करमो की ढाणी, चांधन, जैसलमेर का निवासी है। वह साल 2013 में अपने रिश्तेदारों से मिलने पाकिस्तान गया था। वहां ISI के अधिकारियों के संपर्क में आया।
मोटी रकम का लालच देने पर पाकिस्तान में जासूसी की ट्रेनिंग भी ली। ट्रेनिंग लेकर वह भारत आया। उसने अपने मोबाइल फोन से जैसलमेर में होने वाले सैन्य अभ्यास और मूवमेंट की जानकारियां ISI को भेजी।

पाक खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों के संपर्क में रहा 2013 में भारत लौटने के बाद पठान खान पाकिस्तान के अधिकारियों के संपर्क में रहा। इस दौरान वह कई बार पाकिस्तान गया। पाकिस्तान जाकर ISI के अधिकारियों से मुलाकात करता रहा।
खुफिया जानकारियों के बदले उसको मोटी रकम मिलती रही। धन के लालच में आकर पाक हैंडलर से मुलाकात के दौरान और सोशल मीडिया के माध्यम से जैसलमेर अंतरराष्ट्रीय सीमा की संवेदनशील व गोपनीय सूचनाएं उन्हें लगातार साझा कर रहा था।
भारतीय सिम पाकिस्तान देकर आया पठान खान साल 2019 में पाकिस्तान गया, तब उसने पाक खुफिया अधिकारियों को जासूसी के लिए भारतीय सिम उपलब्ध करवाई। इसकी एवज में पठान खान को ISI विभिन्न माध्यमों से धन उपलब्ध करवा रही थी।
भारतीय सिम के माध्यम से पाकिस्तानी अफसर भारतीय सैनिकों को महिला अधिकारियों के जरिए हनीट्रैप में फंसाते थे।

पठान खान जैसलमेर में होने वाले सैन्य अभ्यास और मूवमेंट की जानकारी पाकिस्तान भेजता था। (फाइल फोटो)
जैसलमेर में खेत से पकड़ा था जैसलमेर के नहरी इलाके की जीरो आरडी पर पठान खान का खेत है। खुफिया एजेंसियों को उसके मोबाइल से पाकिस्तान में लगातार बातें करने पर शक हुआ। उस पर नजर रखी गई। आखिरकार 26 मार्च को रात 3 बजे उसके खेत से उसको पकड़ा गया।
उसको जैसलमेर से जयपुर ले जाया गया, जहां से उसके मोबाइल आदि की जांच की गई। उसने मोबाइल का डेटा डिलीट कर दिया था, जिसे रिकवर किया गया। बताया जा रहा है कि उसने सेना की गतिविधियों व हलचल की सूचना और वीडियो-फोटो ISI को भेजे थे। जयपुर में विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों ने उससे संयुक्त पूछताछ की।
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जैसलमेर के मोहनगढ़ नहरी इलाके से सुरक्षा एजेंसियों ने एक पाकिस्तानी जासूस को पकड़ा है। पकड़े गए जासूस पर भारत की खुफिया जानकारियां पाकिस्तान भेजने का शक है। सुरक्षा एजेंसियों ने पुलिस के साथ मिलकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया। (पढ़ें पूरी खबर)