Karnataka Janeu Controversy; College principal and staff member suspended | Brahman Mahasabha | कर्नाटक जनेऊ विवाद- कॉलेज प्रिंसिपल और स्टाफ मेंबर सस्पेंड: जनेऊ पहनने पर स्टूडेंट को CET पेपर देने से रोका था; आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज
Hindi News National Karnataka Janeu Controversy; College Principal And Staff Member Suspended | Brahman Mahasabha बेंगलुरु43 मिनट पहले कॉपी लिंक स्टूडेंट के मुताबिक, उससे एग्जाम हॉल में जाने से पहले जनेऊ काटने को कहा गया। कर्नाटक के बीदर जिले के साई स्पूर्थी पीयू कॉलेज में 17 अप्रैल को एक स्टूडेंट ने जनेऊ उतारने से मना…
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बेंगलुरु43 मिनट पहले
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स्टूडेंट के मुताबिक, उससे एग्जाम हॉल में जाने से पहले जनेऊ काटने को कहा गया।
कर्नाटक के बीदर जिले के साई स्पूर्थी पीयू कॉलेज में 17 अप्रैल को एक स्टूडेंट ने जनेऊ उतारने से मना किया तो उसे एग्जाम में बैठने नहीं दिया गया। शनिवार को मामला सुर्खियों में आया और इसपर विवाद हुआ। अब मामले में प्रिंसिपल डॉ. चंद्रशेखर बिरादर और स्टाफ मेंबर सतीश पवार को सस्पेंड कर दिया है।
ऐसा ही एक मामला शिवमोगा जिले के आदिचुंचनगिरी स्कूल से भी सामने आया था, जहां कॉमन इंट्रेंस टेस्ट (CET) एग्जाम देने आए तीन स्टूडेंट का जनेऊ उतरवाया गया। कर्नाटक ब्राह्मण महासभा की तरफ से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।

प्रिंसिपल और स्टाफ मेंबर का सस्पेंशन लेटर।
जनेऊ विवाद के 2 मामले सामने आए थे

पहला केस: बीदर में स्टूडेंट से कहा- जनेऊ काटो कर्नाटक के बीदर में एग्जाम देने गए स्टूडेंट सुचिव्रत कुलकर्णी ने बताया, 17 अप्रैल को मेरा मैथ का CET एग्जाम था। जब मैं एग्जाम सेंटर पहुंचा तो कॉलेज मैनेजमेंट ने मेरी जांच की और मेरा जनेऊ देखा।
उन्होंने मुझसे कहा कि इसे काट दो या हटा दो, तभी वे मुझे परीक्षा में बैठने देंगे। 45 मिनट तक मैं उनसे अनुरोध करता रहा, लेकिन आखिरकार मुझे घर वापस आना पड़ा। मेरी मांग है कि सरकार दोबारा परीक्षा कराए या मुझे सरकारी कॉलेज में सीट दे।
दूसरा केस: शिवमोगा में स्टूडेंट ने 3 स्टूडेंट का जनेऊ उतरवाया पुलिस के मुताबिक, आदिचुंचनगिरी पीयू कॉलेज एग्जाम सेंटर पर सुरक्षा कर्मचारियों ने तीन छात्रों से जनेऊ उतारने को कहा गया। एक स्टूडेंट ने मना कर दिया, तो उसे रोक दिया गया। जबकि दो अन्य छात्रों ने परीक्षा हॉल में प्रवेश करने से पहले जनेऊ उतार दिया।
परीक्षा कर्मचारियों को दावा- कोई धागा उतारने को नहीं कहा एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि, जब हमने कॉलेज अधिकारियों से पूछताछ की, तो उन्होंने कहा कि उनकी ओर से केवल परीक्षा कराने के लिए बिल्डिंग दी गई है। इंट्रेंस एग्जाम आयोजित करने या सुविधा प्रदान करने में उनकी कोई भूमिका नहीं है।
वहीं परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों ने दावा किया कि उन्होंने किसी भी छात्र से अपनी शर्ट या पवित्र धागा उतारने को नहीं कहा। नियम के अनुसार, उन्होंने केवल उनसे काशी धरा (कलाई के चारों ओर पहना जाने वाला पवित्र धागा) उतारने को कहा।
केंद्रीय मंत्री बोले- जनेऊ उतरवाना बहुत निंदनीय

कर्नाटक में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) हुआ था। यहां की सरकार ने कुछ छात्रों से ‘जनेऊ’ उतारने को कहा और एक जगह पर आरोप है कि इसे काटा गया। यह बहुत निंदनीय है। संबंधित प्राधिकारी ने खेद व्यक्त किया है लेकिन उस बच्चे का क्या जिसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई? आपको इसका हल खोजना होगा।
शिवमोगा से भाजपा सांसद बीवाई राघवेंद्र ने भी घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह अन्याय है। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। चाहे ऐसी घटना जानबूझकर हुई हो या अनजाने में। सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए कि ऐसा दोबारा न हो।
हिंदू धर्म के खिलाफ ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय किए जाने चाहिए। जो भी जिम्मेदार हैं, सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
शिक्षा मंत्री बोले- हम सभी धर्मों की आस्था का सम्मान करते हैं कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. एमसी सुधाकर ने कहा- यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह केवल शिवमोगा में ही नहीं बल्कि बीदर में भी हुआ। बाकी सभी जगहों पर प्रक्रिया सुचारू रूप से चली, सिवाय दो केंद्रों के।
हम सभी धर्मों, उनकी आस्था का सम्मान करते हैं। ऐसी घटनाओं को स्वीकार नहीं किया जाएगा। कर्नाटक एग्जामिनेशन अथॉरिटी (केईए), जो कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) आयोजित करवाता है। उनकी तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
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