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नई दिल्ली35 मिनट पहले
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राणा अभी 18 दिन की NIA कस्टडी में है, जहां उससे पूछताछ की जाएगी।
2008 मुंबई आतंकी हमले का आरोपी तहव्वुर राणा के वॉयस सैंपल लिए जा सकते हैं। मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इससे पता लगाएगी कि क्या तहव्वुर नवंबर 2008 के हमलों के दौरान फोन पर निर्देश (इंस्ट्रक्शन) दे रहा था।
वॉयस सैंपल लेने के लिए तहव्वुर की सहमति जरूरी होगी। वह मना करता है, तो NIA इसके लिए कोर्ट जा सकती है। सैंपल नहीं देने की जानकारी चार्जशीट में दर्ज की जाएगी। परमिशन मिली तो सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी के एक्सपर्ट NIA हेडक्वार्टर आएंगे और सैंपल लेंगे।
तहव्वुर राणा से NIA रविवार को तीसरे दिन पूछताछ करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार को दूसरे दिन तहव्वुर ने पूछताछ में बताया कि वह ग्लोबल टेररिस्ट साजिद मीर से लगातार संपर्क में था, जो 26/11 हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है।
10 अप्रैल को तहव्वुर को स्पेशल विमान से अमेरिका से भारत लाया गया था। इसके बाद उसे दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने राणा को 18 दिन की NIA कस्टडी में भेजा है। कस्टडी के दौरान NIA रोजाना राणा से पूछताछ की एक डायरी तैयार करेगी। आखिरी दौर की पूछताछ के बाद डिस्क्लोजर स्टेटमेंट में उसे रिकॉर्ड पर लिया जाएगा। यह केस डायरी का हिस्सा होता है।

दूसरे दिन पूछताछ की 2 मुख्य बातें…
- राणा ने ‘दुबई मैन’ का नाम लिया है, जिसे हमले की पूरी प्लानिंग पता थी। एजेंसी को शक है कि यह व्यक्ति पाकिस्तान और दुबई के बीच नेटवर्क संभालता था और हमलों की फाइनेंसिंग, लॉजिस्टिक सपोर्ट में अहम भूमिका निभा रहा था।
- ये भी पता चला है कि राणा का पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से भी करीबी संपर्क था और उसे पाकिस्तानी सेना की वर्दी से खास लगाव था। इससे पहले NIA ने पूछताछ के पहले दिन (शुक्रवार को) 3 घंटे पूछताछ की। एजेंसी ने बताया कि वह कोऑपरेट नहीं कर रहा है। NIA की कोशिश है कि तहव्वुर के परिवार और दोस्तों के बारे में जानकारी जुटाई जा सके।
10 अप्रैल को स्पेशल विमान से अमेरिका से भारत लाया गया
64 साल के राणा को 10 अप्रैल को स्पेशल विमान से अमेरिका से भारत लाया गया था। देर रात पटियाला हाउस कोर्ट के स्पेशल NIA जज चंद्रजीत सिंह ने बंद कमरे में मामले की सुनवाई की और रात 2 बजे फैसला सुनाते हुए NIA को उसकी कस्टडी दी।
बुधवार रात राणा की पहली तस्वीर भी सामने आई, जिसमें नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के अधिकारी उसे पकड़े हुए नजर आए। कल यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने एक और तस्वीर जारी की। इसमें अमेरिकी मार्शल उसे NIA के अफसरों को सौंप रहे हैं।
तहव्वुर के प्रत्यर्पण की तीन तस्वीरें, जंजीरों में बंधा दिखा…

भारत पहुंचने के बाद गुरुवार को तहव्वुर राणा की पहली तस्वीर सामने आई। हालांकि इसमें उसका चेहरा नजर नहीं आ रहा है। NIA के अधिकारी उसे पकड़े हुए हैं।

कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में अमेरिकी मार्शलों ने मंगलवार को आतंकी तहव्वुर राणा की हिरासत भारत के विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों को सौंपी।

यूएस मार्शल और एनआईए की टीम। इसमें तहव्वुर राणा नजर नहीं आ रहा है। यह तस्वीर यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने जारी की है।
आतंकी राणा- सुसाइड वॉच पर
राणा को NIA मुख्यालय, लोधी रोड में हाई-सिक्योरिटी ग्राउंड फ्लोर की 14×14 फीट की सेल में रखा गया है। वह सुसाइड वॉच पर है और उस पर 24 घंटे गार्ड्स और सीसीटीवी से निगरानी रखी जा रही है। उसे केवल सॉफ्ट टिप पेन ही दिया गया है, जिससे वह खुद को नुकसान न पहुंचा सके।
तहव्वुर को दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा जाएगा
राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा जाएगा। हालांकि, उसे कब और किस वार्ड में रखा जाएगा, इसका जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है।
जांच एजेंसी NIA और खुफिया एजेंसी RAW की एक जॉइंट टीम बुधवार को राणा को लेकर अमेरिका से रवाना हुई थी। गुरुवार शाम करीब 6:30 बजे राणा को लेकर अमेरिकी गल्फस्ट्रीम G550 विमान दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ था। जहां उसका मेडिकल चेकअप हुआ, इसके बाद उसे सीधे NIA हेडक्वार्टर ले जाया गया।
NIA की तरफ से कोर्ट में पेश दलील
- मुंबई हमले की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए हिरासत में लेकर पूछताछ करना बहुत जरूरी है। आतंकी हमलों को अंजाम देने में राणा की भूमिका की भी जांच करेंगे।
- मुंबई हमले के दूसरे आरोपी डेविड कोलमैन हेडली ने भारत आने से पहले तहव्वुर राणा के साथ पूरे ऑपरेशन पर चर्चा की थी।
- हमले के दौरान चुनौतियों का अनुमान लगाते हुए हेडली ने राणा को एक ईमेल भेजा था, जिसमें उसने अपने सामान और संपत्तियों का ब्योरा दिया था।
- हेडली ने राणा को साजिश में इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान के शामिल होने की भी जानकारी दी।
NIA की तरफ से वकील दयान कृष्णन ने पक्ष रखा, जबकि राणा की तरफ से वकील पीयूष सचदेवा ने मामले की पैरवी की।

राणा को NIA हेडक्वार्टर से पटियाला कोर्ट ले जाते हुए।

राणा को कोर्ट ले जाने के दौरान की तस्वीर।

गुरुवार शाम करीब 6:30 बजे राणा पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचा।
राणा को कोर्ट में पेश करने तक की पूरी टाइमलाइन
- NIA और खुफिया एजेंसी RAW की एक जॉइंट टीम राणा को लेकर बुधवार को अमेरिका से रवाना हुई।
- गुरुवार शाम करीब 6:30 दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर अमेरिकी स्पेशल विमान से भारत लाया गया।
- एयरपोर्ट पर ही मेडिकल टीम ने पूरा मेडिकल चेकअप किया। यहां से NIA हेडक्वार्टर ले जाया गया।
- रात करीब 10:30 बजे दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। जज ने बंद कमरे में सुनवाई की।
अमेरिका बोला- आतंक से निपटने के लिए भारत के साथ काम जारी रखेंगे
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को लेकर अमेरिका ने कहा कि वह भारत के साथ मिलकर आतंकवाद की वैश्विक समस्या से निपटने के लिए काम करना जारी रखेगा। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि अमेरिका ने हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने के भारत की कोशिशों का लगातार समर्थन किया है।
ब्रूस ने कहा कि अब राणा भारत के कब्जे में है और 26/11 हमलों में शामिल होने के लिए उसे मुकदमा का सामना करना पड़ेगा। हमें इस प्रत्यर्पण पर गर्व है।
मुंबई हमले में 166 आम लोग और 9 आतंकी मारे गए थे
26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए। ये हमले चार दिनों तक चले। इन हमलों में कुल 175 लोग मारे गए, जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे।
तहव्वुर राणा को अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई के 26/11 और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था।
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हेडली की गवाही के आधार पर तहव्वुर राणा को 2013 में आतंकी संगठन लश्कर से रिश्ते रखने और डेनिश अखबार पर हमले की साजिश के आरोप में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।

राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रहा, कनाडाई नागरिक
- 64 साल का तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम करता था। इसके बाद वह 1997 में कनाडा चला गया और वहां इमिग्रेशन सर्विसेस देने वाले बिजनेसमैन के तौर पर काम शुरू किया।
- कनाडा से वह अमेरिका पहुंचा और शिकागो सहित कई लोकेशंस पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोली। अमेरिकी कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड भी गया था। वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है।

पाकिस्तान ने राणा से पल्ला झाड़ा पाकिस्तान ने गुरुवार को तहव्वुर राणा से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वह कनाडा का नागरिक है। पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने एक सवाल के जवाब में कहा कि तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों से अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों को रिन्यू नहीं कराया है। उसके पास कनाडा की नागरिकता है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान अपने उन नागरिकों को दोहरी नागरिकता रखने की अनुमति देता है जो कनाडा में जाकर बस गए हैं।

2008 के मुंबई हमले में ताज होटल को भी निशाना बनाया गया था।
अमेरिका बोला- पीड़ितों को न्याय देने की दिशा में जरूरी कदम अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने कहा कि मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण पीड़ितों को न्याय देने की दिशा में जरूरी कदम है। डिपार्टमेंट के प्रवक्ता ने कहा- राणा का प्रत्यर्पण मुंबई हमलों में मारे गए 6 अमेरिकियों और कई अन्य पीड़ितों को न्याय देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

डेविड हेडली मुंबई हमले का मास्टरमाइंड था। तहव्वुर राणा उसका बचपन का दोस्त था, जिसने इस हमले को अंजाम देने में उसकी मदद की थी।
अक्टूबर 2009 में गिरफ्तार हुआ था राणा अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने ओ’हेयर एयरपोर्ट से तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था। हेडली की गवाही के आधार पर राणा को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
2011 में राणा को दानिश न्यूजपेपर मॉर्गेनाविसेन जाइलैंड्स-पोस्टेन पर हमले की साजिश रचने का दोषी पाया गया था। इस अखबार ने 2005 में पैगंबर मोहम्मद पर 12 विवादित कार्टून्स छापे थे। हमले में एक कार्टूनिस्ट का सिर कलम कर दिया गया।
अगले ही साल यही 12 कार्टून ‘चार्ली हेब्दो’ नाम की फ्रांसीसी मैगजीन ने छापे, जिसके बदले में 2015 में चार्ली हेब्दो के ऑफिस पर हमला करके 12 लोगों की हत्या कर दी गई थी।
