Amit Shah on 3-Day Visit to Jammu and Kashmir from April 7 | शाह का तीन दिन का जम्मू-कश्मीर दौरा: NC-कांग्रेस की सरकार बनने के बाद आज पहली बार पहुंचेंगे; सुरक्षा और विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे

Amit Shah on 3-Day Visit to Jammu and Kashmir from April 7 | शाह का तीन दिन का जम्मू-कश्मीर दौरा: NC-कांग्रेस की सरकार बनने के बाद आज पहली बार पहुंचेंगे; सुरक्षा और विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे


श्रीनगर20 मिनट पहले

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शाह सबसे पहले रविवार शाम जम्मू पहुंचेंगे, जहां वे सबसे पहले राजभवन में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात करेंगे। - Dainik Bhaskar

शाह सबसे पहले रविवार शाम जम्मू पहुंचेंगे, जहां वे सबसे पहले राजभवन में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात करेंगे।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज रविवार (7 अप्रैल) से तीन दिन के जम्मू-कश्मीर दौरे पर रहेंगे। इस दौरे में वे LoC पर बनी चौकियों पर जाकर हालात का जायजा लेंगे, सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे और विकास कार्यों पर बैठक करेंगे।

जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने के बाद यह गृहमंत्री शाह का पहला दौरा है। शाह सबसे पहले रविवार शाम जम्मू पहुंचेंगे, जहां वे सबसे पहले राजभवन में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात करेंगे।

इसके बाद शाह भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में जाएंगे। जहां वे बीजेपी विधायकों और पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। सोमवार को, गृहमंत्री कठुआ जिले में बीएसएफ की सीमा चौकी ‘विनय’ का दौरा करेंगे और वहां की सुरक्षा स्थिति की जानकारी लेंगे।

सोमवार को ही वे जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीद जवानों के परिवारों से मिलेंगे और कुछ को नौकरी के नियुक्ति पत्र भी देंगे। यह कार्यक्रम राजभवन, जम्मू में होगा। मंगलवार (8 अप्रैल) को गृहमंत्री , श्रीनगर स्थित राजभवन में बैठक करेंगे।

इसमें जम्मू-कश्मीर में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद एक दूसरी बैठक में राज्य की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की जाएगी। मंगलवार को शाह श्रीनगर से वापिस दिल्ली लौट जाएंगे।

अमित शाह ने 19 मार्च को राज्यसभा में बजट सत्र के दौरान चर्चा में जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में आ रही कमी की जानकारी दी थी।

अमित शाह ने 19 मार्च को राज्यसभा में बजट सत्र के दौरान चर्चा में जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में आ रही कमी की जानकारी दी थी।

राज्यसभा में शाह बोले- मोदी ने कश्मीर में लोकतंत्र की नींव रखी

अमित शाह ने 19 मार्च को राज्यसभा में बजट सत्र के दौरान चर्चा में कहा था कि जम्मू कश्मीर में 2004 से 2014 के बीच 7,217 आतंकी घटनाएं हुई थीं, लेकिन 2014 से 2024 के बीच यह घटकर 2,242 रह गईं। उन्होंने बताया कि पिछले 10 सालों में नागरिकों की मौत में 81% की कमी, सुरक्षाकर्मियों की शहादत में 50% की कमी और पत्थरबाजी की घटनाएं अब पूरी तरह बंद हो चुकी हैं। वहीं, 2004 में जहां 1,587 आतंकी घटनाएं हुई थीं।

शाह ने कहा- 2024 में केवल 85 घटनाएं हुईं। 2004 में 733 नागरिक मारे गए थे, जबकि 2024 में यह संख्या घटकर 26 रह गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में लोकतंत्र की नींव रखी है और अब सरकार आतंकियों से कड़ा और सीधे जवाब देती है।

गृह मंत्री ने आगे कहा- जम्मू-कश्मीर में विपक्ष के 33 साल के शासनकाल में वहां सिनेमाहॉल ही नहीं खुलते थे। हमने 2019 में आर्टिकल 370 हटाया। जी-20 की बैठक में दुनियाभर के राजनयिक वहां गए। हमने वहां सफलतापूर्वक चुनाव करवाए। एक गोली तक नहीं चली।

काला चश्मा पहन कर विकास नहीं दिखेगा

शाह ने कांग्रेस और राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा- ये हिसाब मांगते हैं कि क्या हुआ 370 हटाने का परिणाम। साहब, हिसाब तो उनको दिया जाता है, नजारा तो उनको दिखाया जाता है, जिनकी नजरें साफ हों। जो काला चश्मा पहन कर, आंखें मूंद कर बैठे हैं, उनको विकास नहीं दिखा सकते हैं।

हम आतंकियों के आंखों के बीच गोली मारते हैं

शाह ने कहा- इनके नेता ने पैदल यात्रा निकाली। कश्मीर तक गए। अपने कार्यकर्ताओं के साथ बर्फ की होली खेली और कहा कि दूर से आतंकवादी दिखाई पड़ा था। अरे भाई, जिनकी नजर में आतंकवादी है, तो आपको सपने में भी आएगा और आपको कश्मीर में भी दिखाई पड़ेगा। हम तो आतंकवादी देखते ही सीधा दो आंखों के बीच में गोली मारते हैं। हमारी सरकार न आतंकवाद को सह सकती है और न ही आतंकवादियों को।

राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर को लेकर शाह की 4 बड़ी बातें

  • शाह ने कहा, ‘पहले जम्मू कश्मीर में आतंकी आते थे और कोई त्योहार नहीं होता था, जब हमले नहीं होते थे। मोदीजी के आने के बाद भी हमले हुए। उरी और पुलवामा में हमला हुआ। 10 दिन में पाकिस्तान में घर में घुसकर एयर स्ट्राइक कर जवाब दिया गया। इस तरह की कार्रवाई करने वाले दुनिया में इजराइल और अमेरिका की सूची में महान भारत का नाम जुड़ गया।
  • कन्याकुमारी से कश्मीर तक मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में यात्रा निकली थी। हमें लाल चौक जाने की परमिशन नहीं मिल रही थी। हमने जिद की तो सेना की सुरक्षा में जाना पड़ा और आनन-फानन में तिरंगा फहराकर आना पड़ा। उसी लाल चौक पर कोई घर ऐसा नहीं था जिस पर हर घर तिरंगा अभियान में तिरंगा न हो।
  • हमने कई ऐसे कदम उठाए जिसकी वजह से आतंकियों से भारतीय बच्चों के जुड़ने की संख्या करीब-करीब शून्य हो गई है। आतंकी जब मारे जाते थे, बड़ा जुलूस निकलता था। आज भी आतंकी मारे जाते हैं और जहां मारे जाते हैं, वहीं दफना दिए जाते हैं।
  • घर का कोई आतंकी बन जाता था और परिवार के लोग आराम से सरकारी नौकरी करते थे। हमने उनको निकालने का काम किया। आतंकियों के परिवार के लोग बार काउंसिल में बैठे थे और प्रदर्शन होने लगता था। आज वो श्रीनगर या दिल्ली की जेल में हैं।

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शाह बोले- कश्मीर का नाम महर्षि कश्यप पर पड़ा होगा; कहा- शासकों को खुश करने के लिए लिखे गए इतिहास

गृह मंत्री अमित शाह ने 2 जनवरी को दिल्ली में ‘जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख थ्रू द एजेस’ पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में कहा, ‘हम जानते हैं कि कश्मीर को कश्यप की भूमि के नाम से जाना जाता है, शायद हो सकता है कि उनके नाम से कश्मीर का नाम पड़ा हो। इतिहासकारों ने कश्मीर का इतिहास पुस्तकों के जरिए बताने की कोशिश की। मेरी इतिहासकारों से अपील है कि प्रमाण के आधार पर इतिहास लिखें।’ उन्होंने कहा, ‘150 साल का एक दौर था, जब इतिहास का मतलब दिल्ली दरीबा से बल्ली मारान तक और लुटियन से जिमखाना तक था। पूरी खबर पढ़ें…

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