Wakf Amendment Bill gets President’s assent | वक्फ संशोधन बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी: 3 अप्रैल को राज्यसभा से पास हुआ था; कांग्रेस, AIMIM और AAP ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

Wakf Amendment Bill gets President’s assent | वक्फ संशोधन बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी: 3 अप्रैल को राज्यसभा से पास हुआ था; कांग्रेस, AIMIM और AAP ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी


नई दिल्लीकुछ ही क्षण पहले

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वक्फ बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ अब एक्ट बन गया। - Dainik Bhaskar

वक्फ बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ अब एक्ट बन गया।

शनिवार देर शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) बिल को मंजूरी दे दी। सरकार ने नए कानून को लेकर गजेट नोटिफिकेशन जारी किया। इस बिल (अब एक्ट) पर 2 और 3 अप्रैल को लोकसभा-राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ था।

नए कानून को लेकर कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी और आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने अलग-अलग याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इन याचिकाओं में कहा गया है कि वक्फ संशोधन एक्ट मुस्लिम कम्यूनिटी के साथ भेदभाव करता है। यह एक्ट मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन भी करता है।

इस पर केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि इस कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में हो रहे पक्षपात, दुरुपयोग और अतिक्रमण को रोकना है। इस बिल (अब एक्ट) को राज्यसभा में 128 सदस्यों ने समर्थन दिया था, जबकि 95 ने इसका विरोध किया।वहीं लोकसभा में देर रात 2 अप्रैल को पारित हुआ था। इस दौरान 288 सांसदों ने समर्थन में और 232 ने विरोध में वोट डाला था।

वक्फ बिल के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का विरोध शनिवार शाम को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ बिल के विरोध में दो पेज का लेटर जारी किया। AIMPLB ने कहा कि हम सभी धार्मिक, समुदाय-आधारित और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेंगे। यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक कि संशोधन पूरी तरह से निरस्त नहीं हो जाते।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा-

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वक्फ संशोधन बिल इस्लामी मूल्यों, धर्म और शरीयत, धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता, सांप्रदायिक सद्भाव और भारतीय संविधान के आधारभूत ढांचे पर गंभीर हमला है। कुछ राजनीतिक दलों का भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे को दिए गए समर्थन ने उनके तथाकथित धर्मनिरपेक्ष मुखौटे को पूरी तरह से उजागर कर दिया है।

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वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीसरी याचिका शनिवार को AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने बिल के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं लगाई गईं थीं। बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यह याचिका लगाईं।

राज्यसभा से गुरुवार को बिल पास होने के बाद कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा था कि कांग्रेस हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। तमिलनाडु की DMK ने भी याचिका लगाने की बात कही थी।

वक्फ बिल के विरोध में कई जगहों पर शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध किया।

वक्फ बिल के विरोध में कई जगहों पर शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध किया।

वक्फ बिल पर विपक्ष के नेताओं ने क्या कहा?

  • राहुल गांधी: वक्फ बिल मुसलमानों पर हमला करता है और भविष्य में अन्य समुदायों को निशाना बनाने की मिसाल कायम करता है। बिल पास होने के बाद RSS ने अब कैथोलिक चर्च की जमीन पर फोकस कर लिया है। RSS को अपना ध्यान ईसाइयों की ओर मोड़ने में ज्यादा समय नहीं लगा। संविधान ही एकमात्र ढाल है जो हमारे लोगों को ऐसे हमलों से बचाता है और इसकी रक्षा करना हमारा सामूहिक कर्तव्य है।
  • कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे: सरकार का इरादा ठीक नहीं है। वक्फ लैंड किसको देंगे यह सामने नहीं आया। व्यापारियों को देंगे…मुझे पता नहीं। अंबानी-अडाणी जैसे लोगों को खिलाएंगे। मैं गृहमंत्री से अपील करूंगा कि आप इसे वापस ले लें। इसे प्रेस्टीज ईश्यू न बनाएं। मुसलमानों के लिए ये अच्छा नहीं है। संविधान के खिलाफ है।
  • PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती: ऐसा नहीं होना चाहिए। यह अल्पसंख्यकों, मुसलमानों की संस्था है और इसे इस तरह से बुलडोजर करना और राज्यसभा में पारित करना, मैं समझती हूं कि यह डाका डालने के बराबर है, जो बहुत गलत है जो नहीं होना चाहिए।
  • NC सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी: भाजपा को मुसलमानों के लिए बोलने का कोई नैतिक या राजनीतिक अधिकार नहीं है और वक्फ विधेयक पारित करके RSS-भाजपा शासन ने अपनी मुस्लिम विरोधी, अल्पसंख्यक विरोधी मंशा की पुष्टि की है। आज भारत क्रूर बहुसंख्यकवाद के एक अंधेरे युग में चला गया है, जहां अल्पसंख्यक हितों को दरवाजा दिखा दिया गया।

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